टक्कर लेना तो दूर, सोचना भी मत क्योकि ये बन्दा महाकाल का भक्त है ।
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मंजिले मुझे छोड़ गई, रास्तो ने पाल लिया हैं…
जा जिंदगी तेरी जरुरत नही, मुझे बाबा महाकाल ने सम्भाल लिया हैं.
उनका बिगड़ता ..नहीं कोई काम….जो लेते है शिव ..शंकर का नाम…
रुद्रो में मैं शंकर हूँ,..शस्त्रधारियों में मैं राम हूँ,
मैं ही चंद्र, मैं ही सूर्य हूँ, ब्रह्म हूँ महाकाल हूँ
जिंदगी थी झंड हम थे थोड़े भंड
शरण लिया जो महाकाल का हर इक पल हुआ है प्रचंड!
वे महाकाल भी कहे जाते हैं और कालों के काल भी। शिव की सृजन का अधिपति
और मृत्यु का देवता भी माना जाता है।
ठंड ऊनको लगैगी जिनके करमो में दाग है”…
हम तो भोलेनाथ के भक्त्त है भैया हमारे तो मूंह में भी आग है…!!
हर हर महादेव
मौत की गोद में सो रहे हैं,
धुंए में हम खो रहे है,
महाकाल की भक्ति है,
सबसे ऊपरशिव शिव जपते जाग रहे है,
सो रहे हैं!
यह कलयुग है यहाँ ताज #अच्छाई को नही #बुराई को मिलता है,
लेकिन हम तो बाबा महाकाल के दीवाने है ,
ताज के नही रुद्राक्ष के दीवाने है
चुम लेंगे वो कलम हम तो जो लिखे नाम महाकाल का
कितने हे वो प्यारे भाई जो लेते हे नाम महाकाल का
महफिल को महादेव सजाते हे आते हे वो #जिनको मेरे
महादेव बुलाते हे जिनका भरी #दुनिया मे कोई
भी नहीं उनको भी मेरे
महादेव सीने से लगाते हे
आँधी तूफान से वो डरते है, जिनके मन में प्राण बसते है
वो मौत देखकर भी हँसते है, जिनके मन में महाकाल बसते है… जय महाकाल
महाकाल वो हस्ती है, जिससे मिलने को दुनियाँ तरसती है और
हम उसी महेफिल में रोज बैठा करते है…
काल का भी उस पर क्या आघात हो।
जिस बंदे पर महाकाल का हाथ हो।।
बस कृपा बनी रहे मेरे महाकाल की..
चिंता नही है काल की।।
किसी ने कहा लोहा हैं हम किसी ने कहा फौलाद हैं हम, वहां भाग दौड मच गई जब हमने कहा महाकाल के भक्त हैं हम !
अकाल मृत्यु वो मरे , जो काम करे चांडाल का ,
काल उसका क्या बिगारे जो भक्त हो महाकाल का
खुल चूका है नेत्र तीसरा शिव शम्भू त्रिकाल का
इस कलयुग में वही पार लगेगा जो भक्त होगा महाकाल का
महाकाल तेरी कृपा रही तो
एक दिन अपना भी मुकाम होगा ।
70-80 लाख की Audi Car होगी और
Front शीशे पे महाकाल तेरा नाम होगा ।
मेरे जिस्म जान में भोलेनाथ नाम तुम्हारा है,
आज अगर मैं खुश हूँ तो यह एहसान भी तुम्हारा है!
थामा हुआ है हाथ मेरा आपने मुझको मालूम है,
मेरे हर पल हर लम्हे में मेरे भोलेनाथ, प्यार तुम्हारा है
जय महाकाल
तू रूठा रूठा सा लगता है, मेरे महाकाल
कोई तरकीब बता मनाने की मैं
ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा हे बाबा तू
क़ीमत बता मुस्कुराने की..
अपने जिस्म को इतना न सँवारो
इसको तो मिट्टी में ही मिल जाना है
सँवारना है तो अपनी रूह को सँवारो
क्योंकि उस रूह को ही महाकाल के पास जाना है।
कृपा जिनकी मेरे ऊपर, तेवर भी उन्हीं का वरदान है, शान से जीना सिखाया जिसने “महाँकाल” उनका नाम है!
दिखावे की मोहब्बत से दूर रहता हूँ इसलिए महाकाल के नशे मे चूर रहता हू !!हर हर महादेव